कोशिका ओर उसके प्रकार-1
जब हम अपने चारों तरफ देखते हैं तो जीव व निर्जीव दोनों को आप पाते हैं । आप अवश्य आश्चर्य करते होंग एवं अपने आप से पूछते | होंगे कि ऐसा क्या है , जिस कारण जीव , जीव कहलाते हैं और निर्जीव जीव नहीं हो सकते । इस जिज्ञासा का उत्तर तो केवल यही हो सकता है कि जीवन की आधारभूत इकाई जीव कोशिका की उपस्थित एवं अनुपस्थित है । सभी जीवधारी कोशिकाओं से बने होते हैं । इनमें से कुछ जीव एक कोशिका से बने होते हैं जिन्हें एककोशिक जीव कहते हैं , जबकि दूसरे , हमारे जैसे अनेक कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं बहुकोशिक जीव कहते हैं ।
कोशिका क्या है ? ( what in cell ? )
कोशिकीय जीवधारी ( 1 ) स्वतंत्र अस्तित्व यापन व ( 2 ) जीवन के सभी आवश्यक कार्य करने में सक्षम होते हैं । कोशिका के बिना किसी का भी स्वतंत्र जीव अस्तित्व नहीं हो सकता । इस कारण जीव के लिए कोशिका ही मूलभूत से संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई होती है । जिस प्रकार मकान छोटी छोटी ईंटों का बना होता हैं , उसी प्रकार प्रत्येक जीवधारी का शरीर भी एक या अनेक छोटी - छोटी रचनाओं का बना होता हैं , जिन्हें कोशिका ( cell ) कहते हैं ।
एन्टोनवान लिवेनहाक ने पहली बार कोशिका को देखा व इसका वर्णन किया था । राबर्ट ब्राउन ने बाद में केंद्रक की खोज की । सूक्ष्मदर्शी की खोज व बाद में इनके सुधार के बाद इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा कोशिका को विस्तृत संरचना का अध्ययन संभव हो सका ।
कोशिका सिद्धांत ( Cell Theory )
I. कोशिका सिद्धान्त ( The Cell Theory )
पूर्व कल्पना के अनुसार- ‘ कोशिका जीवों की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक ईकाई है । ’ कोशिका सिद्धान्त जर्मन वनस्पतिज्ञ MJ . Schleiden ने सन् 1838 में पौधों के लिए तथा जर्मन प्राणी - विज्ञानी Theodor Schiwann ने सन् 1839 में जन्तुओं के लिए स्थापित किया था । Schawann के शब्दों में , प्रत्येक कोशिका एक जीव है तथा समस्त जन्तु तथा पेड़ - पौधों इन जीवों का समूह है . जो एक निश्चित क्रम से बंधे होते है तथा ये जीव पूर्ववर्ती अर्थात् पहले से स्थित जीवों से बनते है । सन् 1858 में विरकाव ( Virchow ) ने बताया कि ‘ कोशिकाओं की उत्पत्ति पूर्ववर्ती कोशिकाओं से होती है ’- “ Omnis Cellula e Cellula ” रेमाक ( Nageli ) , नैलेजी ( Nageli ) , पुरकिजे ( Purkinje ) तथा वॉन मोहल ( Von Mohi ) जीव वैज्ञानिकों ने कोशिका सिद्धांत की अनेक कमियों को दूर किया तथा कोशिका- सिद्धांत की स्थिति को निम्नलिखित प्रकार से बताया -
- समस्त जीव का शरीर कोशिकाओं को समूह है ।
- कोशिकाओं जैविक क्रियाओं ( Metabolic Activities ) की इकाई को प्रदर्शित करती है ।
- नई कोशिकाओं पूर्ववर्ती कोशिकाओं से ही बन सकती है ।
- कोशिकाएं आनुवंशिक ईकाई ( Hereditary Units ) भी है तथा इनमें आनुवंशिकता के गुण उपस्थित होते है ।
- किसी भी जीव में होने वाले सभी क्रियाएं उसकी घटक कोशिकाओं में होने वाली विभिन्न जैव - क्रियाओं के कारण होती है ।
- II. प्रोटोप्लाज्म सिद्धांत
मैक्स शुल्ज ( 1861 ) द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त , जिसके अनुसार प्रत्येक जीव का सजीव भाग ‘ प्रोटोप्लाज्म ’ होता है । कोशिका , मात्र एक संग्रहक क्षेत्र है , जो कोशिका झिल्ली द्वारा प्रोटोप्लाज्म को चारों ओर से घेरे रखता है । केन्द्रक भी इसमें ही निहित होता है ।
III. जीव सिद्धान्त
सैक्स ( 1874 ) द्वारा प्रतिपादित इस सिद्धान्तानुसार , प्रत्येक जीव एक इकाई की तरह कार्य करता है , जिसमें प्रोटोप्लाज्म की निरंतर संहति , अपूर्ण रूप से कोशिकाओं में विभक्त रहती है । आधुनिक शोधों के अनुसार , कोशिका एक ‘ उच्चस्तरीय व्यवस्थित आण्विक कारखाना ’ है । वर्तमान समय के परिप्रेक्ष्य में कोशिका सिद्धांत निम्नवत है
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